कुम्भिपाक नरक से बचना है तो भूलकर भी यह ना करें।

गोपाष्टमी पर विशेष आलेख!


विश्व मे सनातन भूमि भारत मे सबसे अधिक है गौ वंश 


पूरे विश्व मे गायों की संख्या पर बात की जाए तो सर्वाधिक गाय सनातन भूमि भारत मे ही पाई जाती हैँ। भारत मे लगभग 281,700,000; ब्राजील मे 187,087,000; चीन मे 139,721,000
; संयुक्त राज्य अमेरिका मे 96,669,000; यूरोपीय संघ मे 87,650,000; अर्जेण्टीना मे 51,062,000; आस्ट्रेलिया मे 29,202,000; मैक्सिको मे 26,489,000; रूस मे 18,370,000; दक्षिण अफ्रीका मे 14,187,000; कनाडा मे 13,945,000 आदि हैँ।

गौ संरक्षण हेतु संविधान मे निर्दष्ट धारा 

  • अनुच्छेद 48: यह आधुनिक और वैज्ञानिक तर्ज पर कृषि और पशुपालन को व्यवस्थित करने के लिए कहता है।
  • भारत के संविधान का अनुच्छेद 48 राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में से एक है जो कहता है कि: -
    • राज्य आधुनिक और वैज्ञानिक आधार पर कृषि और पशुपालन को संगठित करने का प्रयास करेगा।
    • विशेष रूप से, राज्य गायों और बछड़ों तथा अन्य दुधारू और वाहक पशुओं की नस्लों के संरक्षण और सुधार और वध को प्रतिबंधित करने के लिए कदम उठाएगा।
    • अनुच्छेद 48 को "राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत" के रूप में शामिल किया गया है, जिसका उद्देश्य नीति निर्माण और उसके कार्यान्वयन में भारतीय राज्यों का मार्गदर्शन करना है, लेकिन इसे किसी भी अदालत में लागू नहीं किया जा सकता है।

गौ संरक्षण के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी स्पष्ट निर्देश देती है संविधान की यह धारा

  • अनुच्छेद 48A पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार तथा वनों और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए निर्देशक सिद्धांत का प्रावधान करता है। इसे इस प्रकार पढ़ा जाता है:
    • "राज्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने और देश के वनों और वन्य जीवन की रक्षा करने का प्रयास करेगा।"
    • संविधान के अनुच्छेद 48A के संदर्भ में केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकार पर एक स्पष्ट जिम्मेदारी है जहां पर्यावरण को संरक्षित और समृद्ध करना आवश्यक है।
  • अनुच्छेद 47 - पोषण और जीवन-स्तर के स्तर को बढ़ाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए राज्य का कर्तव्य।
  • अनुच्छेद 49 - राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों और स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण और उनकी रक्षा करना राज्य का कर्तव्य होगा।

गौ का संस्कृत रुप :- 


ओकारांत पुल्लिंग /स्त्रीलिंग संज्ञा, गो शब्द का रूप स्त्रीलिंग एवं पुल्लिंग दोनों समान होते हैं । पुल्लिंग में गो का अर्थ है- बैल, सूर्य, किरण तथा स्त्रीलिंग में है – गाय, पृथ्वी और वाणी।

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विभक्ति    एकवचन      द्विवचन       बहुवचन

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प्रथमा            गौः           गावौ             गावः

द्वितीया          गाम्          गावौ              गाः

तृतीया           गवा          गोभ्याम्        गोभिः

चतुर्थी             गवे          गोभ्याम्        गोभ्यः

पंचमी             गोः           गोभ्याम्        गोभ्यः

षष्ठी                गोः           गवोः             गवाम्

सप्तमी           गवि           गवोः             गोषु

सम्बोधन         हे गौः !       हे गावौ !      हे गावः !

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शास्त्रों मे गौ वंश हत्या एक कुम्भीपाक नरक अपराध है। जानिए क्या है कुम्भीपाक नरक अपराध और क्या है इसकी सजा:-

गोहत्यां ब्रह्महत्यां च करोति ह्यतिदेशिकीम्। यो हि गच्छत्यगम्यां च यः स्त्रीहत्यां करोति च ॥ २३ ॥

भिक्षुहत्यां महापापी भ्रूणहत्यां च भारते। कुम्भीपाके वसेत्सोऽपि यावदिन्द्राश्चतुर्दश ॥ २४ ॥

(देवीभागवतपुराणम्)

देवी भागवद पुराण मे वर्णित है कि गाय की हत्या, ब्राह्मण की हत्या, किसी दुर्गम स्थान पर लें जाकर किसी स्त्री की हत्या करता है अथवा एक साधु की हत्या और एक भ्रूण की हत्या को ऐसा विभत्स महापाप माना गया है कि जब तक ब्रह्माण्ड मे चौदह इंद्र जीवित रहते हैं तब तक उन्हें भी कुंभीपाक में रहना निर्दिष्ट किया गया है। (देवी भागवत पुराण)

कुंभी मतलब हांडी या कढ़ाई और पाक मतलब पकाना या उबालना।आप कल्पना करें कि कुम्भिपाक ऐसी नारकीय यातना है जिसमें खौलते तेल मे उबालने समान मानसिक यातनायें मिलती हैँ। हिंदू धर्म के 16 पुराणों में से एक गरूड़ पुराण में कुंभीपाक नर्क का वर्णन है। गरूड़ पुराण के अनुसार पशु-पक्षी आदि जीवों को मार कर पकाने वाला मनुष्य कुम्भीपाक नरक में गिरता है। यहाँ यमदूत उसे गरम तेल में उबालते हैं।

💐🙏🏻💐🕉️ हरे कृष्ण! आप सभी को सकुटुंब, सपरिवार गोपाष्टमी की हार्दिक बधाई एवं असीम शुभकामनायें!🙏🏻

इस आलेख के रचियता हैँ :-

भक्तानुरागी मुकुंद कृष्ण दास
("सैनिक शिरोमणि" मनोज ध्यानी)

सम्पर्क सूत्र :- 9756201936 अथवा 9412145589
ईमेल :- UKRajyaNirmanSenaniSangh@gmail.com

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