वृक्षाबंधन अभियान के साथ चलाया प्लास्टिक कचरा सफाई अभिया
वृक्षाबंधन अभियान 2023
किमाड़ी मे 'वृक्षाबंधन अभियान' के साथ चलाया प्लास्टिक कचरा सफाई अभियान।
"वृक्षाबंधन अभियान" सन 2009 मे 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रारम्भ अभियान को आषाढ मास से लेकर सावन भादों तक चलाया जाता है। श्रावण पूर्णिमा को वृक्षों को रक्षा सूत्र से अभिमंत्रित करके पूजा जाता ha व उनके रक्षण का संकल्प ग्रहण किया जाता है।" - "सैनिक शिरोमणि" मनोज ध्यानी, वृक्षाबंधन अभियान के विचारक।
देहरादून 02 जुलाई 2023 वृक्षाबंधन अभियान दल ने किमाड़ी क्षेत्र में फलदार एवं छाँवदार वृक्ष रोपण का सघन अभियान चलाया। सन 2009 से निरंतर संचालित वृक्षाबंधन अभियान ने 2023 में 02 लाख पौधरोपण का लक्ष्य रखा हुआ है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वृक्षाबंधन के अभियान दल ने बीज गोला (Seed Bomb) बनाकर पिछले 18 जून से अभियान का आगाज करते हुए कसमौली (टिहरी) से इसे शुभारम्भ किया था। इसी के अंतर्गत देहरादून के मसूरी क्षेत्रअंतर्गत किमाड़ी के जंगलों मे 'वृक्षाबंधन अभियान' दल ने जाकर अमरुद, आम लीची, जामुन आदि के फलदार वृक्ष वहाँ पर लगाए।
वृक्षाबंधन अभियान के साथ मे चलाया प्लास्टिक कचरा सफाई अभियान
किमाड़ी क्षेत्र के जंगलों मे वृक्षाबंधन अभियान दौरान अभियान दल ने विभिन्न पिकनिक क्षेत्र में पसरा पड़े बोतल, प्लास्टिक, टूटा कांच, पॉलिथीन, प्रयोग कि गई बोतलों (used water bottle) का कचरा भी साफ किया।
जंगलों अथवा वन क्षेत्र मे पिकनिक आदि की अनुमति कठोर शर्तो पर आधारित होनी चाहिए। शराब नशा को इन क्षेत्रों मे पूर्णतः वर्जित किया जाना चाहिए व प्लास्टिक कचरा फैलाने वालों व शराब की बोतलों को जंगलों मे तोड़कर फेंखने वालों की पहचान की जानी चाहिए व उनपर सख्त जुर्माना लगाया जाना चाहिए। - "सैनिक शिरोमणि" मनोज ध्यानी, विचारक वृक्षाबंधन अभियान
किमाड़ी के जंगलों मे जिस प्रकार से प्लास्टिक कचरा पसरा पड़ा है और कांच ही कांच बिखरा पड़ा है यह सिद्ध करता है कि यहाँ पर लोग प्रकृति का आनंद लेने कम व अय्याशी करने अधिक आते हैँ। ऐसे लोगों के लिए सख्त कानून निर्मित व लागू होने चाहिए। श्री सजेंद्र कठेेत, महासचिव उत्तराखंड बेरोजगार संघ।
हमने वृक्षाबंधन अभियान के तहत खूब वृक्ष रोपण किमाड़ी जंगलों के भीतर किए हैँ। और साथ मे प्लास्टिक कचरा व बोतल आदि भी बिनी हैँ। जब तक हम जंगलों की प्रकृति को नहीं समझेंगे तब तक जंगलों को जंगल के असली मालिकों यानि कि जानवरों के लिए ही खुला रखना चाहिए। अन्य के लिए यह प्रतिबंधित क्षेत्र बनना चाहिए। श्री गणेश धामी, अध्यक्ष प्राउड पहाड़ी सोसाइटी, उत्तराखंड।
किमाड़ी के जंगलों मे प्लास्टिक व शराब की बोतलों का कांच देखकर शर्म व गुस्सा आ रहा है। आखिर हम असली इंसान कब बनेंगे। हमारा यह व्यवहार की जंगलों को भी जैसे हमने शहर गंदे कर डाले हैँ वही सब अब जंगलों मे कर रहे हैँ। इससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा। श्रीमती सुमन डोभाल काला, समाज सेविका।
हमने किमाड़ी के जंगलों मे फलदार व छांवदार वृक्ष रोपित किए हैँ। हमारी कोशिश है कि हम 2023 मे 02 लाख पौधरोपण का लक्ष्य प्राप्त करें। परन्तु अब हमारा एक दायित्व और बढ़ गया है कि युवाओं व लोगों मे यह चेतना भी फैलाएं कि जंगलों का सम्मान करें व यहाँ पर प्लास्टिक कचरा व कांच का अम्बार नहीं लगाएं। कु0 अर्चना नेगी, एग्रीकल्चरिस्ट
किमाड़ी के जंगलों मे जिस प्रकार से प्लास्टिक कचरा व कंच मिला है वह दिखलाता है कि हमें वन क्षेत्रों के आसपास पॉलिथीन बैन, शराब बंदी की नीतियों को सख्ती से लागू करना चाहिए। हम पुनः किमाड़ी आएंगे और इस एकत्र कचरा का पर्यावरणीय निस्तारण करेंगे। - कु0 वैष्णवी शर्मा, पर्यावरण प्रेमी छात्रा
किमाड़ी क्षेत्र के जंगलों मे वृक्षाबंधन अभियान कार्यक्रम में भागीदारी करने वालों में वृक्षाबंधन अभियान की अभिकल्पना करने वाले "सैनिक शिरोमणि" मनोज ध्यानी, उत्तराखंड बेरोजगार संघ के महासचिव सजेंद्र कठेत, प्राउड पहाड़ी सोसाइटी के अध्यक्ष गणेश धामी, कु अर्चना नेगी, कु वैष्णवी शर्मा, कु दिया इंदिरा ध्यानी, श्रीमती सुमन डोभाल काला, कु तानिका, पुनीत गुप्ता आदि सम्मिलित रहे।
"वृक्षाबंधन अभियान" उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ (पंजी0) एवं आरटीआई लोक सेवा (पंजी0) के संस्थापक "सैनिक शिरोमणि मनोज ध्यानी द्वारा अभिकल्पित अभियान है। वर्ष 2009 मे 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रारम्भ अभियान को आषाढ मास से लेकर सावन भादों तक चलाया जाता है। श्रावण पूर्णिमा को वृक्षों को रक्षा सूत्र से अभिमंत्रित करके पूजा जाता है व वृक्ष रक्षण का संकल्प ग्रहण किया जाता है।
यदि आप भी "वृक्षाबंधन अभियान" से जुड़ने को इच्छुक हैँ तो हमें हमारे दूरभाष नंबर +91-9756201936 अथवा ईमेल UKRajyaNirmanSenaniSangh@gmail.com पर सम्पर्क करें।
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